आज के युग में तेजी से बदलते परिवेश से युवाओं में बढ़ते अनैतिक आचरण चिंता का कारण है समय रहते इस पर कानून एवं सामाजिक व्यवस्था दोनों स्तरों पर कार्य करते हुए रोक लगाने की आवश्यकता है।
पिछले दिनों देश के विभिन्न हिस्सो जर, जोरू और जमीन के नाम पर पारिवारीक चल रहे विवादों में बढ़त महसूस की गई साथ ही इसका स्वरूप एवं स्तर चिंतनीय हो गई नैतिक मूल्यों की परवाह किये बिना पिता ने पुत्र की तो पुत्र ने पिता या माता की हत्या कर दी और मां की ममता को छोड़ निर्ममता से पुत्र की हत्या कर दि जा रही है।
जमीन विवाद में पुत्र ने सारी हदें पार करते हुए पिता की हत्या से आगे शव के टूकड़े- टूकड़े कर दिए। भाई भाई को जिन्दा जलाया कलयुगी मां ने अवैध संबंधो में आढ़े आ रहे पुत्र का कत्ल कर दिया ऐसी पारिवारीक घटनाओं से देश के पारिवारीक परिवेश की चूले हिला कर रख दिया।
आज बढ़े होते बच्चों को आजादी चाहिए, पैसे चाहिए और अभिवावकों को उन पर अधिकार चाहिए, मर्यादा कर्तव्य माननीय मूल्यों की गिरावट हो रही है, परिवार टूट रहें हैं छोटे हो रहें हैं रिश्ते कमजोर हो रहें है, पारिवारीक हिंसा, अवैध संबंध बढ़ रहें हैं। इन सब का उपाय कानूनों के साथ सामाजिक संस्थाओं की जागरूकता से ही सुधरेगा। आईये इस ओर कदम बढ़ायें।
जमीन विवाद में पुत्र ने सारी हदें पार करते हुए पिता की हत्या से आगे शव के टूकड़े- टूकड़े कर दिए। भाई भाई को जिन्दा जलाया कलयुगी मां ने अवैध संबंधो में आढ़े आ रहे पुत्र का कत्ल कर दिया ऐसी पारिवारीक घटनाओं से देश के पारिवारीक परिवेश की चूले हिला कर रख दिया।
आज बढ़े होते बच्चों को आजादी चाहिए, पैसे चाहिए और अभिवावकों को उन पर अधिकार चाहिए, मर्यादा कर्तव्य माननीय मूल्यों की गिरावट हो रही है, परिवार टूट रहें हैं छोटे हो रहें हैं रिश्ते कमजोर हो रहें है, पारिवारीक हिंसा, अवैध संबंध बढ़ रहें हैं। इन सब का उपाय कानूनों के साथ सामाजिक संस्थाओं की जागरूकता से ही सुधरेगा। आईये इस ओर कदम बढ़ायें।
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